जिस घर मे बजनी थी शहनाई उस घर मे छा गया मातम एकलौता बेटा सौरभ घूमने गया था थाईलैंड लेकिन वापस नहीं लौटा बुझ गया शर्मा खानदान का चिराग शहनाई बजने की खुशी मातम के गम में बदल गई
पूर्वी दिल्ली के न्यू अशोक नगर में रहने वाले सौरभ कि थाईलैंड के पटाया में संदिग्ध हालातों में मौत 28 वर्षीय सौरव जोकि थाईलैंड घूमने गया था वही उसकी स्विमिंग पूल में संदिग्ध हालत में मिली लाश दोस्तों के साथ बैचलर पार्टी करने गया था सौरभ|
सौरभ पूर्वी दिल्ली के न्यू अशोक नगर में रहता था और पेशे से इंजीनियर था बठिं सिंडा कंपनी में इंजीनियर बतौर काम करता था उसे घूमने का बहुत शौक था इसलिए वह हर साल कहीं ना कहीं घूमने जाया करता था इस बार उसके 5 6दोस्तों ने मिलकर थाईलैंड जाने का प्लान बनाया लेकिन जब जाने का वक्त आया तो एक ही दोस्त उसके साथ गया सब दोस्तों ने उसे जाने को मना कर दिया वहां जाकर वह अपने होटल में गया जो कि उसने बुक किया था वहां जाकर खाना पीना खाने के बाद स्विमिंग करने चला गया स्विमिंग करने के दौरान ही सौरभ को कुछ ऐसा हुआ उसको तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया और तुरंत ही उसे वेंटिलेटर पर भी रखा गया 36 घंटे अस्पताल में इलाज चलने के बाद सौरभ की मौत हो गई लेकिन सवाल यह है कि सौरभ के पिता ने जब होटल वालों से सीसीटीवी कैमरे की फुटेज मांगी तो उन्होंने पुलिस पर टालते हुए दिखाने को साफ मना कर दिया और जब सौरभ के पिताजी ने पुलिस वालों से यह बात कही तो पुलिस वालों ने भी टाल दिया |
परिजनों का आरोप है कि उनके बेटे सौरभ की हत्या की गई है क्योंकि उनके वहां जाने के बाद पुलिस ने अपनी स्टेटमेंट भी चेंज की उन्हें वहां बताया गया कि सौरभ की हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई थी जब सौरभ के पिताजी ने पुलिस वालों से यह कहा कि अगर उसकी मौत हॉस्पिटल पहल पहुंचने से पहले ही हो गई थी तो इलाज किसका हुआ था और मेरे अस्पताल का बिल मैंने किस लिए दिया चोरा के पिताजी ने 18 लाख रुपए अस्पताल के बिल भरे थे तब पुलिस वालों ने फिर स्टेटमेंट चेंज कर दी और उसमें अस्पताल में इलाज के दौरान मौत लिख दी गई
बताया यह भी जा रहा है कि सौरभ की 21 नवंबर की शादी थी यहां पे शादियां की धूमधाम से तैयारियां चल रही थी लेकिन वहां सौरभ अपनी आखिरी सांसें गिन रहा था पिता ने सोच-समझकर सारी तैयारियां कर रखी थी उनका बेटा वापस आएगा तो बड़ी धूमधाम से शादी करेंगे लेकिन उनको क्या पता था कि सौरभ नहीं वहां से सौरभ की लाश आएगी
सौरभ के परिवार में सौरभ की दो बहनें और पिता है बहनों की शादी के बाद बाप बेटे साथ में रहते थे सौरव पर पिता को गर्व था पिता की आंखों का तारा थाईलैंड में कहीं खो गया और बुझ गया उस घर का चिराग सौरव इकलौता लड़का था सौरभ की मां का देहांत आज भी आज से करीब 10 साल पहले हो गया था तो घर में सौरव और सौरव के पिता ही रहते थे
पिता को क्या पता था कि जिस कंधे पर उनका शब उठना था उसी को खुद कंधा देना पड़ेगा पिता का घर में रो रो कर बुरा हाल है
बेबस और लाचार बाप इंसाफ की उम्मीद में बैठा है सौरव के पिताजी ने जांच के लिए होम मिनिस्ट्री को भी कई सारे पत्र लिखे हैं और दोबारा जांच के लिए दर-दर भटक रहे हैं
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